LIFE IS A JOURNEY

हर इन्सान का जीवन है, एक इंतज़ार की डोर
जिस्म तो है बस मोम, जो लिपटा है चारो ओर

इस बचपन की मासूमी ने, चुपके से चुराया अल्हड़पन
होंठो की जगह ली आँखों ने, जब पुरे हुए सोलह सावन
आ गए क़यामत के लम्हे, जब अपनों से हम दूर हुए
देखे थे खवाब जवानी ने, बूढ़ी आँखो में चूर हुए
हलक से नीचे न उतरे, बन जाता है वो कौर

ममता की गर्म छुअन से, हर मासूम की लौ जलती है
पूर्वा के ज़वां झोंके संग, बेखौफ हो मचलती है
लेकर सवाल आँखों में कोई, ढूंढे किसको आकाश में
जीवन ही गुजर न जाये कहीं, जीवन साथी की तलाश में
जब नींद हो अपनी, खवाब पराये, उम्र का है वो दौर

मायूसी को अपनाया, मुस्कान जो हुई खफ़ा
बेमोल ख़रीदा मैंने, फिर भी न हुआ नफ़ा
मेरे अंजुमन ने आना, खुशियों से इतनी गुजारिश
अन्दर तक भिगो चुकी है, मुझको अश्को की बारिश
लो कड़क उठी ग़म की बिजली, छाई है घटा घनघोर

ज़न्नत तो आखिरी पन्ना है, शुरुआत जिंदगानी है
कुछ रोज़ नयी लगती है, फिर तो जानी मानी है
जब वही पुराने अपने, और वही बेगाने गैर
बिना किसी शिकवे के हो गया, जिन्दादिली से बैर
आवाज़ के सन्नाटे में गूंजे, ख़ामोशी का शोर

26032014_David_Scanlon_Headshot_3

Parul Singhal – India – (1984 - )

Singhal. P (2017) Emotionally Exhausted: Random Realisations. The Foolish Poet Press, Wilmslow, England. LIFE IS A JOURNEY. Page Number 3.

Print Friendly, PDF & Email
This entry was posted in Parul Singhal, Poetry and tagged , , , , , , , , , . Bookmark the permalink.