कम हो जाती हैं, सोच कर तनहा दिल की सिसकियां
चाहे फ़ासले ही सही, कुछ तो बाकी है दरमियां
चाहे फ़ासले ही सही, कुछ तो बाकी है दरमियां
माना कि बस कुछ देर रहा,
तेरे कसमे वादों का असर
अरसे तक साथ निभाएंगी,
लंबी है तेरी यादों की उमर
अक्सर इस ख्याल से आती हैं दिल को हिचकियां
तेरा हाथ थाम कर चलने की,
आदत से दिल मजबूर नहीं
निकल पड़ा है नए सफर पे,
लेकिन तुझसे ज्यादा दूर नहीं
हर कदम पे टकरा जाती हैं तेरी मेरी नज़दीकियां
आदत से दिल मजबूर नहीं
निकल पड़ा है नए सफर पे,
लेकिन तुझसे ज्यादा दूर नहीं
हर कदम पे टकरा जाती हैं तेरी मेरी नज़दीकियां
Parul Singhal – India – (1984 - )
Singhal. P (2017) Emotionally Exhausted: Random Realisations. The Foolish Poet Press, Wilmslow, England. LEFTOVER FEELINGS. Page Number 5.