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HAPPY REALISATION - FOOLISH POET
यादों की ऊँगली थाम कर, चलती है मेरी धड़कने सांसो में भी सीखे है नये, अब जिन्दगी के मायने मसरूफ रहे इकतरफा ग़म में, पुछा न तेरा हाल कभी गाहे-बगाहे अकेलेपन में, आता है मेरा ख़याल कभी फिर जाना, जैसे … Continue reading →
Parul Singhal