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JUST LOVE - FOOLISH POET
कभी जागे अरमानो के संग, कभी दबी मुस्कानो के संग, बड़ी मुश्किल से संभाला मैंने अपने मन को बहानो के संग क्यों बर्दाश्त नहीं होती दूरी क्यों तुम बिन रहती हूँ अधूरी इतना बेबस देख के मुझको अब हँसती है … Continue reading →
Parul Singhal