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WOMANHOOD - FOOLISH POET
नारी तुम एक आस हो जो गूंजती है मासूम सी किलकारियों में जो थक के भी टिकी रहे जिम्मेदारियों में नारी तुम एक एहसास हो जो महकता है, हाथो की नर्मियों में जो चहकता है, आँखों की बेशर्मियों में नारी … Continue reading →
Parul Singhal