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AWAITING OUR FATE - FOOLISH POET
मैं आस लगाए बैठी हुँ, कब से मिलने की चाह मे चारो पहर सुध-बुध बिसरा के, बस तेरी परवाह मे पहले दूर से आँखों के, दर्पण में तेरी सूरत भर लूँ फिर देखूं एकटक करीब से, मन का हर कोना … Continue reading →
Parul Singhal