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ONCE AGAIN - FOOLISH POET
फिर कर बैठे खुद को मजबूर, दिल की जिद के सामने फिर चले दर्द से यारी करने, फिर ग़म का दामन थामने यूं तो मसरूफ किया खुद को, तेरे ख्याल से हटकर पर डरते है कि याद तेरी, कहीं आ … Continue reading →
Parul Singhal