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SLEEPLESS - FOOLISH POET
मेरी खामोश निगाहों में, कुछ अनकहे से अरमान हैं ! पलको की चादर ओढे हैं, पर नींदों से अनजान हैं ! अपने खवाबो के उजाले से, मेरी नजरें रोशन कर दे ! तू क्या जाने इन आँखों में, कितनी रातों … Continue reading →
Parul Singhal