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WALKING AGAIN - FOOLISH POET
आज मैं फिर से चलना सीख रही हूं पीछे छोड़ दिये अब सारे डर अनजाने हाथों को थाम कर नई राहों पे संभलना सीख रही हूं आज मैं फिर से चलना सीख रही हूं नये चेहरो को अपना कर मुस्कानों … Continue reading →
Parul Singhal