foolishpoet.com
YOU, ME & WORDS - FOOLISH POET
तेरे बिन, लब्ज बेखबर थे मेरे भीतर कैद जहानों से एक घना अंधेरा अतीत का भरा हुआ था अरमानों से हर आवाज अलग कुछ कहती बुनती शब्दों का मायाजाल लिपटी हुई संजीदगी से समझ न पायी मन का हाल तुझको … Continue reading →
Parul Singhal