Tag Archives: Solitude

ONCE AGAIN

फिर कर बैठे खुद को मजबूर, दिल की जिद के सामने फिर चले दर्द से यारी करने, फिर ग़म का दामन थामने

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WRITTEN IN DEJECTION

महफ़िल मुझे रास ना आई, मेरी तो सखी तन्हाई सब कुछ खोकर इसे पाया, जीवन भर की ये कमाई

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