Author Archives: Parul Singhal

WOMANHOOD

नारी तुम एक आस हो जो गूंजती है मासूम सी किलकारियों में जो थक के भी टिकी रहे जिम्मेदारियों में नारी तुम एक एहसास हो जो महकता है, हाथो की नर्मियों में जो चहकता है, आँखों की बेशर्मियों में

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A NEW HOPE

कभी खुशियों के संग मिली, थोड़ी सी नाराजगी भी, फिक्र की कड़ी धूप के बाद, विश्वास की सोंधी ताजगी भी कैसा भी गुजरे साल, किसी को ग़म नही होता, ये वो बिदाई है, जहाँ कभी मातम नही होता

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JUST LOVE

कभी जागे अरमानो के संग, कभी दबी मुस्कानो के संग, बड़ी मुश्किल से संभाला मैंने अपने मन को बहानो के संग

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FEEL THE JOY AND MOVE

ठहर जाऊं या बढ़ जाऊं कोई बोलो किधर जाऊं

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RELEASED POSSESSION

चल दिये वो, भिगोकर मुझको, मनमौजी बादल की तरह साथ है उन, बूंदो की रुनझुन, हर पग पे पायल की तरह लेकिन कुछ बात है बाकी अभी मुलाकात है बाकी रुके है कुछ देर को आंसू मगर बरसात है बाकी

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